How to improve memory power? / अपने दिमाग की memory तेज कैसे करे ?
दोस्तों आप भी जीनियस (genius) बन सकते हो। आप भी एक बार पढ़ कर उस बात को हमेशा के लिए याद रख सकते हो। बस जरूरत है आपको कुछ बहुत ही आसान चीजें जानने की। जो बातें मैं आपको बताने वाला हूँ उससे न सिर्फ आप इनफार्मेशन(information) को याद रख पाओगे बल्कि नए स्किल्स(skills) भी तेजी से सीख पाओगे।
जब भी हमें कोई इंफॉर्मेशन(information) दी जाती है तो सबसे पहले हमारे ब्रेन(brain) की शॉर्ट टर्म मेमोरी(short term memory) में जाती है और उसके बाद लॉन्ग टर्म मेमोरी(long term memory) में। जब भी ब्रेन को किसी इंफॉर्मेशन की जरूरत होती है तो brain सबसे पहले शॉर्ट टर्म मेमोरी में उसे ढूंढता है। उसके बाद लॉन्ग टर्म मेमोरी में।
बेसिक लर्निंग का प्रोसेस क्या होता है? (what is process of basic learning?)
शॉर्ट टर्म मेमोरी की प्रॉब्लम(problem) ये है कि जब भी आप सोते हो तो आपका ब्रेन लास्ट(last) में जमा की गई सारी शॉर्ट टर्म मेमोरी को धीरे-धीरे अपने आप डिलीट(delete) कर देता है और साथ ही जो मेमोरी इम्पोर्टेन्ट(important) लगती है उसे अपनी लॉन्ग टर्म मेमोरी में रजिस्टर(register) करता जाता है जिससे जब आपको उसकी जरूरत हो तो आपको वो याद रहे। यह एक बेसिक लर्निंग का प्रोसेस होता है |
1.The Effort Rule
साल 2014 में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी(Princeton university) में एक रिसर्च(research) की गई, जब उन्होंने एक क्लास को दो ग्रुप्स(groups) में डिवाइड कर दिया। पहले ग्रुप को कहा गया कि उन्हें अपने एग्जाम की प्रिपरेशन(preparation) के लिए सारे लेक्चर्स(lectures) के नोट्स हाथों से बनाने हैं। वहीं सेकंड ग्रुप को कहा गया कि उन्हें टाइप करके नोट्स बनाने है, क्योंकि टाइप करके नोट्स बनाना काफी आसान था, जिसमें मेहनत कम लगती हैं। इससे हुआ ये कि सेकंड ग्रुप में उसी टाइम में फर्स्ट ग्रुप से दो गुना ज्यादा नोट्स बनाएं।
लेकिन इस स्टडी का मकसद ये नहीं था कि कौन ज्यादा नोट्स बनाता है बल्कि ये था कि कौन ज्यादा अच्छे रिजल्ट(result) लाता है। तो पता चला कि हाथों से नोट्स बनाने वाला ग्रुप बहुत ज्यादा अच्छे रिजल्ट लाया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि फर्स्ट ग्रुप ने नोट्स बनाने में सेकंड ग्रुप से ज्यादा एफर्ट(effort) किए थे और जिस वजह से उनके पास इन्फॉर्मेशन को अपने लॉन्ग टर्म मेमोरी में प्रोसेस करने का ज्यादा टाइम था और किसी भी चीज को तेजी से सीखने का एक यही सीक्रेट है।
आप जितना ज्यादा जल्दी किसी भी इंफॉर्मेशन को अपने शॉर्ट टर्म मेमोरी से लॉन्ग टर्म मेमोरी में ट्रांसफर(transfer) कर पाओगे, आप उतनी ही ज्यादा तेजी से चीजें सीख सकोगे और इसे करने के लिए आपको बस इन्फॉर्मेशन को सीखने में और ज्यादा एफर्ट(effort) डालना होगा।
example- आपके साथ ऐसा होता होगा कि आपने बुक का एक पेज पढा और अगला पलटते ही आप भूल गए कि आपने पहले वाला पेज क्या पढा था या आपने youtube पर कोई वीडियो देखी और वीडियो खत्म होते ही आप भूल गए कि आपने क्या सीखा था। पर अगर आप पढ़ते वक्त उस एक पेज के नोट्स बनाते, उस पेज को दो बार पढ़ते या एक वीडियो देखने के बाद आप उस वीडियो को अपने माइंड(mind) में एक बार समराइज(surmise) करते हो या कमेंट(comment) करके आपने जो सीखा उसे अपने लैंग्वेज(language) में एक्सप्लेन(explain) करते तो ये करके आप किसी भी दूसरे इंसान से ज्यादा एफर्ट कर रहे हो। इसलिए आपको वो चीज ज्यादा टाइम तक याद रहेगी।
2.Spacing Effect
साइंस(science) के अकॉर्डिंग जब हम कोई नई मेमोरी क्रिएट(create) करते हैं तो वो टाइम के साथ हमारे ब्रेन से गायब होने लगती है। इसलिए आपने लास्ट ईयर(last year) इस दिन क्या किया था आपको बिल्कुल याद नहीं होगा लेकिन आपने कल क्या किया था शायद आपको सब कुछ याद हो क्योंकि दोनों मेमोरी क्रिएशन(creation) के टाइम में बहुत ज्यादा गैप(gap) है।
अब मेमोरी को अपने ब्रेन में स्टोर(store) करना है और जरूरत के टाइम पर उस नंबर को याद करके काम में लाना दोनों अलग-अलग चीजें हैं।
ज्यादातर लोगों में मेनली(mainly) स्टूडेंट्स में ये देखा गया है कि वो मेमोरी को स्टोर करने में ज्यादा फोकस करते हैं ना कि उन्हें रिकॉल(recall) करने में। उदाहरण के लिए अगर किसी एवरेज(average) स्टूडेंट को अपने टेस्ट का कुछ याद करना है तो वो कंटीन्यूअस(continuous) अपने माइंड में रिप्लेस करता जाएगा। बार-बार पढ़ेगा उसे लिखेगा क्योंकि वो इस काम को एग्जाम से कुछ टाइम पहले कर रहा है।
ये इंफॉर्मेशन उसके माइंड में स्टोर हो रही है। एग्जाम के टाइम पर उसे याद आ जाएगा इसकी कोई गारंटी नहीं। वहीं एक स्मार्ट स्टूडेंट बहुत टाइम पहले से ये चीज कर रहा होगा। टाइम टू टाइम वो अपने आप को चैलेंज करके खुद को टेस्ट करता रहेगा। जहां वो इस मेमोरी को याद करने की कोशिश करेगा। शुरू में हो सकता है कि वो भी फेल हो जाए। उसे भी याद न आए। वो फिर से इस प्रोसेस को रिपीट करके बार-बार खुद को टेस्ट करेगा। इससे उसका ब्रेन इस बात के लिए trained हो जाएगा|
3.Connect What You Learn
आप जो कुछ भी पढ़ते हो, उसे किसी न किसी चीज से कनेक्ट(connect) करना बहुत जरूरी है, वरना वो आपको कभी याद नहीं रहेगा।
जब एलॉन मस्क(Elon musk) अपनी किसी कंपनी में कुछ नया करते हैं या किसी प्रॉब्लम को सॉल्व(solve) करते हैं तो वो उस कॉन्सेप्ट(concept) को अपनी बाकी कंपनी से कनेक्ट करके वहां भी एक सिमिलर प्रॉब्लम(similar problem) को सॉल्व कर पाते हैं। और ये एक बहुत ही पावरफुल टेक्नीक(powerful technic) है।
जब भी आप कुछ नया पढ़ रहे हो तो खुद से यह सवाल पूछें कि अब तक आपने जो भी कुछ पढ़ा है, यह उससे कैसे कनेक्ट हो रहा है? उदाहरण के लिए आपको फिजिक्स(physics) की किसी प्रॉब्लम को सॉल्व करने में बहुत परेशानी हो रही है, तो वहां यह देखो कि आप मैथ्स(maths) कैसे यूज कर सकते हो या फिजिक्स का कैसे पुराना चैप्टर(chapter) जो आपने पहले पढ़ा हो वो इस प्रॉब्लम से कैसे कनेक्टेड(connected) है।
ऐसा करने से आप अपने पुराने कॉन्सेप्ट्स(concepts) को तो याद करते ही हो और साथ ही इन कॉन्सेप्ट्स को नई इन्फॉर्मेशन के साथ लिंक करने से आप अपने माइंड में नॉलेज का एक जाल बिछा लेते हो। जहां सब कुछ आपस में किसी न किसी तरह कनेक्टेड है। इसलिए आप कभी उसे भूल नहीं पाते और बार बार नई इन्फॉर्मेशन के साथ यूज करते रहने से आपकी मेमोरी और ज्यादा स्ट्रॉन्ग(strong) होती जाती है।
जैसे कि आपने नोटिस किया होगा जब आप मैथ्स के फॉर्मूला(formulas) को याद करने की कोशिश करते हो तो आपको आसानी से याद नहीं होती। लेकिन जब आप फॉर्मूला को बार बार अपनी मैथ्स की प्रॉब्लम्स में यूज करते रहते हो, तो आपको अपने आप याद हो जाते हैं और आपको कभी भी उन्हें याद रखने के लिए अपने ब्रेन को फोर्स(force) नहीं करना पड़ता। इसलिए जो भी पढ़ते हो उसे किसी ना किसी चीज से कनेक्ट करो। अपने नॉलेज का एक जाल बिछाए जिसके बाद आप कभी भी कुछ नहीं भूलोगे।
4.Draw A Map Of Your Tone From Memory
आपको क्या लगता है आपको अपने घर के आसपास के सारे रास्ते याद है आओ उसे टेस्ट कर लेते हैं। अपनी मेमोरी के दम पर अपने शहर का एक मैप अपने दिमाग में बनाओ। आपको अपने सारे रोड,स्ट्रीट(road, Streat) और लोकल लैंडमार्क(local landmarks) को इमेजिन(imagine) करना है।
अपने घर के आसपास या उससे दूर तक रास्ते को इमेजिन करो या आप पिछले हफ्ते किसी नई जगह घूमने गए हो। जहां तक पहुंचने के लिए आपने अपने फोन में गूगल मैप्स(maps) का यूज किया था, अब उसी रास्ते को अपने माइंड में इमेजिन करो कि आप वहां कैसे पहुंचे थे, रास्ते में कितने टर्न(tern) आए थे, कौन-कौन से लैंडमार्क थे जो आपने नोटिस किए।
इस तरह से आप अपने शहर को जितना जानते हैं, उसका मैप आपके माइंड में क्रिएट होने लग जाएगा और फिर इस मेमोरी मैप को अपने एरिया(area) के रियल मैप(real map) से कंपेयर(compare) करो और देखो कि आप कितना सही थे और कितना गलत थे इस एक्सरसाइज(exercise) को करने से आपके एक्टिव(active) रहने की एबिलिटी(ability) और मेमोरी पावर इनक्रीस(increase) होगी।
आप जो भी काम करते हैं उसके बाद अपने माइंड में उस काम को रीप्ले(reply) करते हो कि आपने वो काम कैसे किया था या आपके न्यूरॉन कनेक्शन(neuron connection) को स्ट्रांग बनाता है और वो चीज आपकी मेमोरी में लंबे टाइम तक रह जाती है।
5.Free Up Latest Information
आपने क्या पढा, कितना पढा, कितना ज्यादा पढा इन सब से आपका रिजल्ट नहीं आता। जब तीन घंटे के लिए एग्जाम पेपर आपके सामने होता है उस टाइम आप एग्जाम में क्या करते हो उससे आपका रिजल्ट बनता है और ये एग्जाम में आपको बताने वाला हूं आपके रिजल्ट को बहुत अच्छा बना देगी।
जब भी टीचर आपको एग्जाम पेपर दे और ये कहे कि एग्जाम का टाइम स्टार्ट हो गया है तो पेपर को खोलकर मत देखो। अपने एग्जाम के पहले पांच मिनट में सबसे पहले एक रफ कॉलम(rough column) में उन सभी इंफॉर्मेशन को लिख दो जो एग्जाम के लिए जरूरी है। सारे फॉर्मूला, कीवर्ड, प्रोसेस, मैप्स सब कुछ एक रफ पेज पर लिख दो क्योंकि आपने एग्जाम के कुछ घंटों पहले या कुछ दिन पहले जो कुछ भी सीखा है वो आपकी माइंड की लॉन्ग टर्म मेमोरी में अब तक नहीं गया है।
वो अभी भी आपके माइंड की शॉर्ट टर्म मेमोरी में कहीं घूम रहा है और एग्जाम देना मेंटली(mentally) बहुत चैलेंजिंग टास्क(challenging task) होता है। जहां आपका दिमाग बहुत तेजी से कैलकुलेशन परफॉर्म(calculation perform) कर रहा होता है। जिस वजह से एग्जाम के दौरान आप बहुत सारी चीजें भूलने लगते हो। आप नहीं चाहोगे कि एग्जाम के बीच आपके क्वेश्चन सॉल्व(question solve) कर रहे हो और आप बीच में ही अटक जाओ, क्योंकि आप वो फॉर्मूला भूल चुके हो जिसे आपने कल रात में ही याद किया था।
इसलिए सभी इम्पोर्टेन्ट चीजों को सिर्फ अपने माइंड के शॉर्ट टर्म मेमोरी पर डिपेंड(depend) रहने से एग्जाम के टाइम पर आपकी एनर्जी और टाइम दोनों बर्बाद हो जाते हैं। इसलिए सबसे पहले एक रफ पेज पर वो सब चीजें लिख लो जो आपने रिसेंटली(recently) पढ़ी है।
6.Play Games That Challenge Your Brain
आपको पता है कि एक स्मार्ट(smart) और एक सामान्य व्यक्ति में क्या अन्तर होता है। एक स्मार्ट पर्सन(person) बहुत ज्यादा क्विक(quick) होता है। कुछ भी सीखने में अपनी सीखी हुई नॉलेज(knowledge) को अप्लाई(apply) करने में वो बहुत तेज होता है।
वैसे तो लोग कई सारे कॉम्पिटीटिव एग्जाम(competitive exams) देते हैं पर सिर्फ स्मार्ट लोग ही उन्हें क्रैक(crack) कर पाते या अच्छे मार्क्स(marks) ला पाते हैं क्योंकि वो कम से कम टाइम में ज्यादा से ज्यादा सही डिसीजन(decision) लेने की एबिलिटी(ability) रखते हैं। वो बहुत क्विक(quick) होते हैं और सही भी होते हैं। इस मेंटल स्ट्रेंथ(mental strength) को डेवलप(develop) करने के लिए आपको भी अपने ब्रेन को ड्रेन(drain) करना होगा ताकि वो भी कम से कम टाइम में सही डिसीजन ले पाए।
स्मार्ट बनने के लिए आपको अपने ब्रेन से वो सारी एक्टिविटीज(activities) करवानी होंगी जिसमें वो एक्टिव रहे। उसे बहुत ज्यादा सोचना पड़े जिसके लिए आप कई सारे गेम्स खेल सकते हो। वो कोई भी गेम हो सकता है जो बस आपको सोचने पर मजबूर करें। बोर्ड गेम्स, कार्ड गेम्स, पजल्स(puzzles) या वीडियो गेम्स आपके ब्रेन को चैलेंज करते हैं जिसमें आप चेस, सुडोकू गेम से स्टार्ट कर सकते हो।
इनफैक्ट एक एक्सपेरिमेंट में रिसर्चर्स ने चेस प्लेयर्स(chess player’s) की मेमोरी को नॉन चेस प्लेयर्स की मेमोरी से कंपेयर(compare) किया, जिसमें उन्होंने देखा कि जो लोग चेस खेलते थे वो ज्यादा चीजें याद रख पाते थे। साथ ही एक स्टडी के अकॉर्डिंग जब आप चेस खेलते हो तो आपकी दूसरों के नजरिए से सोचने की एबिलिटी हो जाती है। ये कितनी इम्पोर्टेन्ट बात है
7.Sleep Sufficient
स्मार्ट लोग क्विक होने के साथ-साथ बहुत ज्यादा क्रिएटिव भी होते हैं। अब नई-नई इन्फॉर्मेशन को सीखना, जल्दी से जल्दी चीजें समझना, उन्हें अप्लाई करने के साथ-साथ किसी भी प्रॉब्लम को क्रिएटिव सॉल्व करना भी एक कला है जो कि सिर्फ स्मार्ट लोगों में ही होती है। क्या आप जानते हो कि आप अपनी क्रिएटिविटी को कैसे बढ़ा सकते हो ….. ज्यादा सोकर।
जी हां, आपको बस सोना है बहुत ज्यादा नहीं लेकिन जितनी आपको बॉडी की जरूरत हो उससे थोडा सा ज्यादा सोना है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि साइंस(science) कह रही यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया(university of California) के स्टडी के अकॉर्डिंग जो गहरी नींद में एंटर(enter) कर पाते हैं वो लोग ज्यादा क्रिएटिव होते हैं।
ऐसा इसलिए है क्योंकि जब हम सो रहे होते हैं तो हमारा ब्रेन सारे इंफॉर्मेशन को प्रोसेस कर रहा होता है कई सारे इंफॉर्मेशन को डिलीट करता है, कुछ को लॉन्ग टर्म मेमोरी में डालता है और बहुत सारी चीजों का सेंस(sense) बना रहा होता है। और अगर आप अपने ब्रेन को इस काम को सही से करने नहीं दोगे तो आप स्मार्टली बिहेव(smartly behave) कैसे करोगे।
इसलिए अपने माइंड को और बॉडी को सही से रख दो और आप पहले से ज्यादा शार्प(sharp) और स्मार्ट हो जाओगे। सोते हुए सपने देखते हुए बहुत सारी चीजें इन्वेंट(invent) हुई है।
दोस्तों इस पोस्ट में हमने आपको दिमाग के power और memory को कैसे बढ़ाये ये बताने की कोशिस करी |
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